India Post भारतीय डाक का इतिहास सेवाएं सुविधा इत्यादि की इंफॉर्मेशन
डाक सेवा का अधिकार
देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा डाकघर हैं । जिसकी सेवाएं लोग कई तरीकों से रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं ।
डाक सेवाएं
- सब पोस्ट ऑफिस
- हेड पोस्ट ऑफिस
- जनरल पोस्ट ऑफिस
छोटे डाकघऱ
- शाखा पोस्ट ऑफिस
- विभागेत्तर पोस्ट ऑफिस
इन पोस्ट ऑफिसों में रोजमर्रा की जरुरतों की जरुरी सेवाएं ही उपलब्ध होती हैं ।
डाक के प्रकार
पोस्टकार्ड-
इसमें लिखी या टाइप की हुई कोई सामग्री भेज सकते हैं , लेकिन भेजने वाले और पाने वाले का पता भी लिखा होना चाहिए।
अंतर्देशीय पत्र-
इसमें लिखी या टाइप की हुई कोई सामग्री भेज सकते हैं, लेकिन पत्र के अंदर कोई सामग्री ना रखें।
लिफाफे-
ये लिफाफे डाकघर से लिये जा सकते हैं या छपाए भी जा सकते हैं । इस लिफाफे में दो किलोग्राम वजन तक के ही डाक भेजे जा सकते हैं । लिफाफे को भेजने के लिए निर्धारित शुल्क देना होगा ।
बुक पैकेट–
- बुक पैकेज को आमतौर पर बुक पोस्ट भी कहा जाता है । इसमें पत्र, पत्रिकाएं ,पुस्तके, कोरा औऱ छपे कागज, चित्र , प्लान,नक्शा, फोटोग्राफ, ड्राइंग, परिपत्र , संगीत की मुद्रित, जन्मकुंडली , आंशिक या पूरी तरह हस्तलिखित दस्तावेज,आंशिक या पूरी तरह छपे दस्तावेज,विद्यार्थियों का अभ्यास कार्य और कुछ अन्य निर्धारित सामग्री भेजी जा सकती है ।
- बुक पैकेट की लंबाई 80 सेंटीमीटर और व्यास 10 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- बुक पैकेट में पु्स्तक , शुभकामना अथवा बधाई कार्ड में पाने वाले का नाम और पता के साथ ही भेजने वाले का नाम, तिथि, हस्ताक्षर और पांच शब्द तक का शुभकामना संदेश साथ भेजा जा सकता है ।
- मुद्रित नोटिस, परिपत्र , निमंत्रण में बैठक अथवा आयोजन की तिथि, तथा समय और बैठक बुलाए जाने का उद्देश्य , भेजने वाले का नाम-पता और पत्र के उत्तर के निर्देश होने चाहिए। ये ज्यादा से ज्यादा 10 शब्दों में होने चाहिए।
- 4-5 किलोग्राम तक की छपी पुस्तकें बुक पैकेट में भेजी जा सकती हैं
बुक पैकेज में निम्न काजगजात भेजने पर रोक
अदालत के सम्मन और नोटिस तथा अदालत को भेजे जाने वाले दस्तावेज।
बिल, इनवाइस, कोटेशन, मूल्य सूची आदि।
पत्र मुद्रा जैसे स्टैंप , चेक, हुंडी या करेंसी नोट आदि।
पार्सल भेजने के नियम
- पैक की हुई वस्तुएं पार्सल के जरिए डाक से भेजी जा सकती हैं । इनकी लंबाई एक मीटर और लंबाई तथा मोटाई मिलाकर 1.8 मीटर से ज्यादा नहीं होने चाहिए।
- अपंजीकृत पार्सल का वजन 4 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए ।
- शाखा डाकघर को या शाखा डाकघऱ से भेजे जाने वाले पंजीकृत पार्सल का वजन 10 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
- बड़े डाकघरों को या बड़े डाकघरों से भेजे जाने वाले पंजीकृत पार्सल का वजन 20 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
पार्सल में निम्न सामग्री भेजने पर रोक
- अभद्र , अश्लील , राजद्रोह भड़काने वाली , गाली गलौज वाली अथवा धमकी भरी सामग्री ।
- ज्वालनशील , विस्फोटक, गंदे , नुकसान पहुंचाने वाले तथा अन्य खतरनाक पदार्थ।
- सजीव प्राणी तथा नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुएं।
- लॉटरी के टिकट और लॉटरी में शामिल होने के लिए प्रेरित करने वाली सामग्री। हालांकि सरकार द्वारा आयोजित या अधिकृत लॉटरी की टिकट तथा सामग्री भेजी जा सकती है ।
- ऐसी पत्र-पत्रिकाएं जो प्रेस तथा पुस्तक पंजीकरण अधिनियम के प्रावाधानों के अनुरुप न हों ।
- कानून व्यवस्था अथवा किसी समुदाय या वर्ग को नुकसान पहुंचाने की आशंका वाली सामग्री ।
- किसी घोषित अपराधी अथवा निवारक नजरबंदी कानून के तहत नजरबंद किए जाने वाले किसी व्यक्ति की तस्वीर ।
- नशीले पदार्थ तथा प्रतिबंधित पदार्ध ।
- पंखों , खालों और नुकसान पहुंचाने वाले कीटों समेत अन्य प्रतिबंधित सामग्री ।
- 5 किलोग्राम तक के पार्सल , पाने वाले को उसके पते तक पहुंचाए जाते हैं। जबकि इससे भारी पार्सलों को ले जाने के लिए पाने वाले को पोस्ट आफिस सूचना भेजता है ।
प्रेषण प्रमाणपत्र
किसी भी प्रकार की अपंजीकृत डाक के लिए आप प्रेषण प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं । यह मात्र डाक भेजे जाने का प्रमाण है , लेकिन डाक की उसकी रशीद नहीं है ।
पंजीकरण
- किसी भी पोस्ट आफिस या मेल आफिस से पोस्टकार्ड के अलावा सभी प्रकार की पंजीकृत डाक भेजी जा सकती है । अगर पावती कार्ड भी लगाएं तो पाने वाले को डाक से मिलने वाली पावती आपको वापस भेजी जायेगी ।
- अगर आपने पावती समेत पंजीकृत पत्र भेजा है और पोस्ट आफिस आपको पावती नहीं दे पाता है तो आप पत्र की पावती रसीद की प्रमाणित प्रति मुफ्त में पोस्ट आफिस से मांग सकते हैं ।
- चार किलोग्राम से ज्यादा वजन वाले पार्सल पंजीकृत डाक से ही भेजे जाने चाहिए।
दोगुनी दर पर पंजीकरण
- अगर डाक विभाग को पता चले कि पंजीकृत डाक से भेजी जाने वाली सामग्री पंजीकृत डाक से नहीं भेजी गयी है ।
- अगर कोई पंजीकृत सामग्री पाने वाले को मिल जाने के बाद दोबारा पोस्ट किया जाए।
- अगर अपंजीकृत डाक के ऊपर पंजीकृत लिखकर इसे पोस्ट किया जाए।
- अगर अपंजीकृत पार्सल को डाक काउंटर पर कर्मचारी को देने की बजाय लेटर बॉक्स में डाल दिया जाए।
मुआवजा
- पंजीकृत सामग्री के डाक में खो जाने या नुकसान होने की जिम्मदारी डाक विभाग नहीं लेता है । विभाग ऐसा स्थिति में 100 रुपए तक का मुआवजा दे सकता है ।
- पंजीकृत डाक भेजने वाले को मुआवजे के लिए पंजीकरण के तीन महीने के अंदर डिविजनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिसेज को आवेदन करना चाहिए।
- सामग्री खोने या नुकसान होने के एक महीने के अंदर आवेदन कर देना चाहिए ।
सामान की प्राप्ति के बाद डाक खर्च का भुगतान(value payable mail)
- उपभोक्ता द्वारा ऑर्डर किया गया सामान डाक से उसे भेजा जाता है , ऑर्डर प्राप्त करने के बाद उपभोक्ता सामान का दाम चुका देता है । और पोस्ट ऑफिस इस रकम को मनीऑर्डर से सामान भेजने वाले को भेज देता है ।
- इसमें 2000 रुपए तक का सामान भेजा जा सकता है ।
- 250 से ज्यादा रुपए से ज्यादा रकम के सामान का बीमा कराया जाना जरुरी है ।
- अगर सामान पाने वाला सामान मिलते ही शिकायत करे कि सामान में धोखधड़ी की गयी है तो डाक अधिकारी सामान भेजने वाले को इसकी कीमत भेजने पर रोक लगा सकते हैं ।
- आने वाले सामान के बारे में पोस्ट ऑफिस में शुल्क का भुगतान कर पूछताछ की जा सकती है ।
बीमा
छोट डाकघर 600 रुपए मूल्य तक की वस्तुओं को बीमाकृत डाक से भेज सकते हैं ।
1-सोना, चांदी , जेवरात, करेंसी नोट, सोने या चांदी की वस्तुएं।
2-रिवॉल्वर या पिस्तौल
3-कुछ वर्गों को छोड़कर , 250 रुपए से ज्यादा मूल्य की वीपी से भेजी गयी वस्तुएं।
4-बीमाकृत सामान के गुम होने या टूट-फूट की सूचना तीन महीने के अंदर पोस्ट ऑफिस को दे देनी चाहिए।
इसे एक्सप्रेस मेल सेवा या ईएमएस भी कहा जाता है ।
1-स्पीड पोस्ट से 72 घंटे अंदर सामान पहुंचाया जाता है ।
2-सामान निर्धारित समय पर ना मिलने पर , आवेदन किए जाने पर सामान को भेजने का शुल्क वापस लौटा दिया जाता है ।
3-इस बारे में शिकायत सामान को भेजे जाने के तीन महीने के अंदर दी जानी चाहिए।
4-लेकिन विमान की उड़ान या अन्य परिवहन के साधन के लेट होने , स्थानीय गड़बड़ियों या पने वाले उसके पते पर ना मिलने पर शुल्क नहीं लौटाया जाता है ।
डाक की प्राप्ति
- भारी पार्सलों के अलावा , अन्य पंजीकृत डाक और स्पीड पोस्ट पाने वाले के पते पर ही उसे पहुंचाई जाती है ।
- अगर पोस्टमैन को पहली बार जाने पर डाक पाने वाला घऱ पर नहीं मिलता है तो वह पाने वाले के लिए सूचना छोड़ जाता है और दूसरे दिन फिर डाक लेकर आता है ।
- अगर दूसरे दिन भी पोस्टमैन डाक लेकर आता है औऱ प्राप्तकर्ता नहीं मिलता है तो (पंजीकृत या स्पीडपोस्ट) डाक पांच दिन तक डाकघऱ में रखा रहता है ।
- इस अवधि में प्राप्तकर्ता डाकघर से यह डाक स्वयं प्राप्त कर सकता है , लेकिन वह नहीं आता है तो डाक को भेजने वाले के पास वापस भेज दिया जाता है ।
- अगर कोई पंजीकृत डाक सामग्री क्षतिग्रस्त हालत में पोस्ट ऑफिस में मिलती है तो पोस्ट ऑफिस प्राप्तकर्ता को सूचना भिजवाता है कि सात दिन के अंदर इस डाक को प्राप्त कर ले ।(विदेश से आई डाक के लिए 15 दिन )
- पोस्टमैन पार्सल देने केवल एक बार प्राप्तकर्ता के पते पर जाता है और उसके नहीं मिलने पर पोस्ट ऑफिस से उसे सूचना दे देता है कि वह सात दिन के अंदर पोस्ट ऑफिस से इसे ले ले।
- 500 रुपए तक की मूल्य की वीपी से भेजी गयी वस्तुएं भी प्राप्तकर्ता के घऱ पहुंचाई जाती हैं। इससे ज्यादा मूल्य की वस्तुओं के लिए प्राप्तकर्ता को सूचना पहुंचाई जाती है । अगर प्राप्तकर्ता सात दिन के अंदर नहीं ले जाता है तो वस्तु को वापस भेज दिया जाता है ।
- 500 रुपए तक मूल्य की बीमाकृत वस्तुएं पाने वाले के पते पर पहुंचाई जाती हैं। जबकि 500 रुपए से अधिक मूल्य होने पर ले जाने की सूचना दी जाती है । सात दिन के अंदर वस्तु को ले जाना होता है ।
- अगर पैकिंग को बाहर से देखने पर भेजे गए सामान में कुछ गड़बड़ी की आशंका लगती है तो पोस्ट ऑफिस पाने वाले को इसकी सूचना देता है । सामान को पोस्टमास्टर और पाने वाले के सामने खोला जाता है। अगर पाने वाले को सामान कम या टुटा-फुटा लगता है तो उसे पावती पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए और सामान की विस्तृत सूची मंगाए जाने की मांग करनी चाहिए । ऐसी स्थिति में आगे की जांच के लिए पैकिंग सामग्री पोस्ट ऑफिस में ही संभालकर रखी जानी चाहिए।
- 1पर्दानशीन महिलाओं और अनपढ़ लोगों को पंजीकृत तथा बीमाकृत डाक एक गवाह के सामने दी जाती है ।
- पंजीकृत तथा बीमाकृत वस्तुओं सहित अपने सभी डाक किसी अन्य व्यक्ति को देने के लिए आप पोस्ट ऑफिस को अधिकृत कर सकते हैं , इसके लिए आपको एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करके पोस्ट ऑफिस को देने होगा ।
- एक बार में 3 महीने के लिए इस प्रकार पोस्ट ऑफिस को अधिकृत किया जा सकता है ।
- आपको यह अधिकार है कि अपने नाम से आई किसी डाक पर लगे शुल्क का भुगतान नहीं करें और ऐसी डाक को लेने से मना कर दें । India Post भारतीय डाक का इतिहास सेवाएं सुविधा इत्यादि की इंफॉर्मेशन
कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
- 1-डाक जल्दी पहुंचे , इसके लिए पते में पिन कोड जरुर लिखें।
- 2-डाक पोस्ट करने के बाद भी , प्राप्तकर्ता तक पहुंचने से पहले, अगर आप पते में कुछ बदलाव करना चाहें तो आप इस डाक को वापस मंगा सकते हैं । इसके लिए आपको संबंधित डिविजनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिसेज अथवा चीफ या सीनियर मास्टर को आवेदन करना होगा ।
- 3-खऱाब, फटे, नकली या किसी निशान वाले डाक टिकट का प्रयोग वर्जित है ।
धन का लेन-देन
- 1-मनी ऑर्डर 2000 रुपए तक का हो सकता है ।
- 2-भेजने वाले के अनुरोध पर मानी ऑर्डर को रोका जा सकता है ।
- 3- एक निश्चित शुल्क के भुगतान के बाद मनी ऑर्डर पाने वाले के पते में परिवर्तन हो सकता है ।
- 4-अनपढ़ व्यक्ति को गवाह की मौजूदगी में ही मनीऑर्डर का भुगतान किया जा सकता है ।
- 5-अगर पाने वाला नहीं मिलता है और रोके रखने का आवेदन नहीं मिलता है तो 7 दिन के अंदर मनी ऑर्डर वापस भेज दिया जाता है ।
- 6-प्राप्तकर्ता को मनी ऑर्डर मिल जाने के बाद भेजने वाले के पास इसकी पावती भेजी जाती है। अगर उसे पावती नहीं मिलती है तो वह मनी ऑर्डर जारी करने वाले पोस्ट ऑफिस के पोस्टमास्टर से मनी ऑर्डर भुगतान प्रमाणपत्र देने को कह सकता है ।
- 7-मनी ऑर्डर के बारे में शिकायत इसे बुक किए जाने के एक साल के भीतर की जा सकती है ।
- 8- 20 रुपए और इससे ज्यादा रकम के मनी ऑर्डर को स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा जा सकता है , बशर्ते कि भेजने और पाने वाले पोस्ट ऑफिस इस सेवा से जुड़े हों।
- 9-मनी ऑर्डर सामान्य अथवा एक्सप्रेस टेलीग्राफ के जरिए भी बुक किया जा सकता है , इसे टेलीग्राफ मनी ऑर्डर भी कहते हैं ।
पोस्टल ऑर्डर
- छोटी रकम इंडियन पोस्टल ऑर्डर के जरिए भेजी जा सकती है । डाकघऱ पोस्टल ऑर्डर के लिए निर्धारित रकम का कमीशन लेता है ।
- जारी किए जाने वाले माहीने की अंतिम तिथि से छह महीने तक पोस्टल ऑर्डर वैध होता है । दोबारा कमीशन देने पर अगले छह महीने तक भी इसका भुगतान हो सकता है । दोबारा कमीशन डाक टिकटों के माध्यम से लिया जाता है ।
- पोस्टल ऑर्डर खो जाने पर इसके मूल्य की वापसी के लिए आवेदन , इसके जारी किए जाने वाले महीने की आखिरी तिथि से बारह महीने के अंदर किया जाना चाहिए ।
- पोस्टल ऑर्डर की रकम के दोबारा भुगतान के लिए पोस्ट ऑफिस में पोस्टल ऑर्डर का प्रतिपर्ण(counterfoil) पेश करना होगा।
शिकायतों का निपटारा
- डाक विभाग 23 सर्किलों में बंटा है । हर सर्किल में एक या अधिक राज्य अथवा केंद्र शासित क्षेत्र हैं।
- इसका प्रमुख चीफ पोस्ट मास्टर जनरल होता है ।
- सर्किल क्षेत्रों में बंटे हुए हैं । जिनका प्रमुख पोस्टमास्टर जनरल होता है ।
- सर्किल डिवीजन में बंटे होते हैं । जिनका प्रमुख सुपरिटेंडेंट अथवा सीनियर सुपरिटेंडेंट होते हैं ।
- आप चीफ पोस्टमास्टर या सीनियर पोस्टमास्टर को उसके कार्यालय से जुड़े मामलों की शिकायत कर सकते हैं ।
- किसी डिवीजन से जुड़े मामले की शिकायत उस डिवीजन के सुपरिटेंडेंट ऑफ पोस्ट ऑफिसेज से कर सकते हैं ।
- पोस्टमास्टर जनरल को सीधे भी शिकायत कर सकते हैं ।
- आप अपनी शिकायत और रिमाइंडर किसी भी पोस्ट ऑफिस में खुले लिफाफे में मुफ्त में भेज सकते हैं ।
- डाक से जुड़ी कोई भी शिकायत छह महीने के अंदर की जा सकती है ।
शिकायतें
- अपंजीकृत डाक के खो जाने या पहुंचने में देरी के लिए,
- डाक-सामग्री के अंदर की वस्तुओं के खो जाने पर,
- पोस्टल ऑर्डर का खो जाना या खराब हो जाना ,
- ऐसी डाक सामग्री जिसकी रसीद दी गयी हो।